उन्नाव। स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय पर्व दिवस पर समूचे उन्नाव शहर में बैरियर लगाकर पुलिस द्वारा भारी संख्या में दोपहिया वाहनों का चालान किया गया। इतना ही नहीं छोटा चौराहा से लगाकर आई०बी०पी० चौराहे तक के आवागमन को ठप कर दिया गया।
राष्ट्रीय पर्व पर पुलिस के इस कृत्य की समूचे जनपद में खुलकर आलोचना की जा रही है। मूल अधिकार एसोसियेशन के दो पदाधिकारियों के भी दो पहिया वाहनों का भी चालान हेलमेट के अभाव में किया गया, यह पदाधिकारी जिला चिकित्सालय में कोरोना वारियर्स का सम्मान कर वापस ओवर ब्रिज के निकट अपने घरो को वापस जा रहे थे।
मूल अधिकार एसोसियेशन के पदाधिकारी श्याम मनोहर बाजपेयी ने इसे स्वतंत्रता दिवस पर दी गयी संवैधानिक आजादी की हत्या बतायी, वहीं राष्ट्रीय मौलिक अधिकार एसोसियेशन के विधि सलाहकार एवं जनपद में वकालत करने वाले वरिष्ठ अधिकार एम०एम० फारुकी ने इसे गुलाम भारत मे अंग्रेजो जैसा दुरुह उत्पीड़न बताया।
एडवोकेट श्री फारुकी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर कोरोना संक्रमण के बचाने के लिए बिना मास्क वाले वाहन चालकों का चालान उचित था किन्तु बिना हेलमेट के स्वतंत्रता दिवस मना रहे वाहन चालकों के वाहनों का चालान सर्वथा अनुचित ही नही अपितु घृणित व निन्दनीय कार्य था।
श्री फारुकी ने कहा कि राष्ट्र प्रेम का दम्भ भरने वाली प्रदेश सरकार ने स्वतंत्रता दिवस को परतंत्रता दिवस में बदल दिया। एडवोकेट फारूकी के अनुसार अर्सा पहले उच्च न्यायालय ने यह निर्देश जारी किया था कि नगर महापालिका, नगर पालिका व नोटीकाई एरिया में हेलमेट की अनिवार्यता नही है। इस अनिवार्यता को हाईवे पर ही लागू किया जाये।
मूल अधिकार एसो० के राष्ट्रीय सचिव श्रीराम पाण्डेय ने जनपद के जिला न्यायाधीश, जिला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक से संयुक्त रूप से अपील की है कि बगैर मास्क वालो को छोड़कर शेष अन्य अभावो में स्वतंत्रता दिवस पर किये गये दो पहिया वाहन चालानो को जुर्माने से मुक्त किया जाये।